गिरडीह, अक्टूबर 17 -- जमुआ, प्रतिनिधि। जमुआ प्रखंड के बाघमारा गांव में ब्रिटिशकाल से मां काली की पूजा हो रही है। मां काली की इस पूजा में आसपास के दर्जनों गांव की आस्था है। बताया जाता है कि वर्ष 1923 ई में बाघमारा गांव के तारों तेली ने झोपड़ीनुमा मंडप की स्थापना कर काली पूजा की शुरुआत की थी। जो आज तक अनवरत जारी है। स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 1932 ई में स्थानीय गांव के युवकों ने श्री गणेश नाट्य कला परिषद की स्थापना कर पूजा की जिम्मेवारी उठाई थी। बताया जाता है कि उस समय गणेश साहू के नेतृत्व में गठित अभी तक सक्रिय है। कमेटी के लोग प्रत्येक वर्ष काली पूजा के साथ अन्य सामाजिक गतिविधियों को मूर्त रूप देते आ रहे हैं। वर्तमान में जीवलाल साव, दशरथ साव, बासुदेव साव, हेमलाल साव, राजेंद्र साव, टेकचंद साव, दिनेश साव, बहादुर साव, सोना लाल साव, कि...