बागेश्वर, मार्च 9 -- चीरबंधन के साथ ही जिले में खड़ी होली शुरू हो गई है। बागनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ चीरबंधन किया गया। इसके बाद होल्यारों ने कैले बांधी चीर हो रघुनंदन होली से कार्यक्रम शुरू किया। फिर शिव के मन माही बसे काशी आदि होली गायन हुआ। होल्यारों ने अबीर गुलाल का टीका लगाकर कार्यक्रम आगे बढ़ाया। मालूम हो कि कुमाउं में बैठकी होली का गायन पौष महीने के पहले रविवार से हो जाता है। इसके बाद बसंत पंचमी के बाद होली का रंग बदल जाता है। शिवरात्रि से खड़ी होली गाई जाती है, लेकिन फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी से रंग की होली होती है। रविवार को सुबह 11 बजे बागनाथ मंदिर में चीर बंधन हुआ। इसके बाद होल्यरों ने चीर पर रंग डाला। अबीर-गुलाल का टीका लगाकार होली कार्यक्रम शुरू किया। यहां रतन रावल, हेम चंद्र जोशी, नंदन रावल, दलीप खेतवाल, प्रताप सिं...