नई दिल्ली, मार्च 24 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। भारत में एकल अभिभावक (सिंगल-पेरेंट) परिवारों की संख्या लगातार बढ़ रही है, फिर भी विवाह संस्था को समाज में प्राप्त पवित्र स्थान के कारण यह समूह अब भी अदृश्य ही बना हुआ है। जब मैंने चार साल पहले सिंगल पेरेंटिंग पर एक हैंडबुक लिखने का फैसला किया था, तब इस विषय पर देश में बहुत ही कम किताबें उपलब्ध थीं। उक्त बातें लेखिका सुजाता पराशर ने अपनी पुस्तक गोइंग सोलो के हिंदी संस्करण के जारी होने पर कहीं। ग्रेटर कैलाश-2 के कुंजुम में जारी हुई इस पुस्तक का विमोचन प्रमुख फैशन डिजाइनर अर्शिमा सिंह ने किया। इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद ज्योति झा ने किया है। सुनीता पराशर ने कहा कि एक सिंगल मां के रूप में अपनी निजी जिंदगी को लेकर हमेशा लो-प्रोफाइल रखा और एक आकस्मिक लेखिका के रूप में, यह मेरे लिए एक भावनात्मक ...