मऊ, मार्च 17 -- मऊ। अपने हुनर से बाइकों को दुरुस्त कर सड़कों पर चलने लायक बनाने वाले मेकैनिक कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। प्रशिक्षण के अभाव में नए बाइकों के मरम्मत में काफी समस्या होती है तो सरकार द्वारा चलाई जा रही विश्वकर्मा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं, बाइक मेकैनिक कुछ वर्ष पहले तक सड़कों के किनारे लकड़ी के बॉक्स में टूल्स रखकर बाइकों की मरम्मत करते है। लेकिन अस्थायी दुकानों को प्रशासन अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ देता है। बाइकों की मरम्मत के दौरान शरीर और कपड़ों पर ग्रीस और इंजन ऑयल वगैरह लगा रहता है। गंदगी और धूल-मिट्टी के बीच काम करने से उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। वहीं, बाइक मेकैनिक दिन में 400 से 500 रुपये कमाता है। इस कमाई से परिवार को पालने में दिक्कतें आ रही हैं। बाइक मेकैनिकों ने 'हिन्दुस्तान' के साथ अपना दर्द...