भागलपुर, अगस्त 25 -- भागलपुर, वरीय संवाददाता। प्लास्टिक के घरेलू सामान की बजाय प्राकृतिक रूप से तैयार बांस की शिल्पकला को प्राथमिक विद्यालय आचार्य टोला पकरा नवगछिया के शिक्षक ज्ञानचंद ज्ञानी बढ़ावा दे रहे हैं। बांस की कमाची व इसके अन्य हिस्से से अपने हाथ से बांस आधारित उत्पाद को तैयार कर अपनी अनोखी पहचान बना चुके हैं। ज्ञानचंद ने बांस की चटाई, सजावटी व घरेलू सामान तैयार किए हैं। इनमें दीवार घड़ी, नाइट लैंप, टेबल, कुर्सी, स्टडी टेबल जैसे लगभग 250 तरह के उत्पाद तैयार कर रहे हैं। उनका मानना है कि कम लागत और कम समय में तैयार होने वाले बांस के सामान बांस उत्पादन करने वाले किसानों व कारीगरों के लिए वरदान साबित हो सकता है। यदि बांस को फर्नीचर और घरेलू जरूरतों में बड़े पैमाने पर अपनाया जाए, तो यह बिहार में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर पैदा करेग...