संभल, फरवरी 20 -- श्री कल्कि धाम के प्रथम स्थापना दिवस का शुभारंभ प्रसिद्ध बांसुरी वादक डॉ. मुस्तफा के सुमधुर स्वरों से हुआ। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत गायत्री मंत्र की बांसुरी धुन से की, फिर रामायण की चौपाइयों को अपनी मधुर बांसुरी से जीवंत कर दिया। उनकी बांसुरी से निकली आध्यात्मिक ध्वनि ने श्रद्धालुओं को भक्ति भाव में सराबोर कर दिया। समापन के दौरान जब उन्होंने बांसुरी पर राष्ट्रीय गान प्रस्तुत किया, तो पूरा परिसर राष्ट्रप्रेम और धार्मिक सौहार्द की भावना से गूंज उठा। कौमी एकता की मिसाल बने डॉ. मुस्तफा के इस योगदान को श्रद्धालुओं ने खड़े होकर सराहा। सनातन धर्म के प्रति उनके सम्मान और समर्पण ने यह संदेश दिया कि आध्यात्मिकता और कला किसी विशेष पंथ की धरोहर नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता की धरोहर है। कार्यक्रम में आचार्य प्रमोद कृष्ण ने भारत के ...