कुशीनगर, मार्च 7 -- कुशीनगर। उत्तर प्रदेश और बिहार सीमा से होकर गुजरने वाली पौराणिक महत्व की बांसी नदी के जीर्णोद्धार को लेकर गुरुवार को बैठक हुई। इसमें बांसी नदी जीर्णोद्धार संघर्ष समिति का गठन किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसके जीर्णोद्धार की मांग की गई। बैठक में बताया गया कि भगवान राम से जुड़ी यह नदी जगह-जगह अपना अस्तित्व खो रही है। भू माफिया और बालू माफिया सक्रिय हैं, जो इसके बिगड़ते स्वरूप के लिए जिम्मेदार हैं। यह भी बताया गया कि निर्माणाधीन छितौनी-तमकुही नई रेलवे लाइन के निर्माण व मिट्टी भराई का कार्य किया जा रहा है। जहां छितौनी क्षेत्र के बोधीछपरा के आगे नदी के मुहाने को बंद किया जा रहा है, जो इस नदी के लिए ठीक नहीं है। सरकार जब तक इस नदी की भूमि का सीमांकन कराकर अविरल बनाने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक यह स...