नई दिल्ली, दिसम्बर 3 -- सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेश निर्वासित की गई गर्भवती महिला और उसके 8 साल के बच्चे को मानवीय आधार पर भारत लाने की अनुमति दी। केंद्र ने अदालत को भरोसा दिया सुनाली और उसे बेटे को वापस भारत लाया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि भारत वापस आने पर महिला को निगरानी में रखा जाएगा। इसके बाद, शीर्ष अदालत ने मानवीय आधार पर महिला और उसके बेटे को वापस भारत आने की इजाजत दे दी। कुछ माह पहले ही उन्हें बांग्लादेश भेज दिया गया था। पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को नाबालिग बच्चे का ध्यान रखने और राज्य के बीरभूम जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से गर्भवती महिला को हर मुमकिन चिकित्सा सहायता देने का निर्देश दिया, जिसमें नि:शुल्क प्रसव भी शामिल है। हाईकोर्ट ...