ढाका, अगस्त 3 -- बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने रविवार को 2024 के छात्र आंदोलन के 'हिंसक दमन' से संबंधित मानवता के खिलाफ अपराधों पर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अनुपस्थिति में मुकदमा शुरू किया है। अंतरिम सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य अभियोजक ताजुल इस्लाम ने अपनी शुरुआती दलीलों में हसीना को सभी अपराधों का केंद्र बताया तथा अधिकतम सजा का अनुरोध किया। अभियोजन पक्ष ने हसीना के दो शीर्ष सहयोगियों - पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को भी मामले में सह-आरोपी बनाया है। हसीना और कमाल पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चल रहा है, जबकि मामून हिरासत में हैं और उन्होंने मामले में सरकारी गवाह बनने पर सहमति जता...