मथुरा, सितम्बर 15 -- ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में पिछले दो-ढाई दशकों से बंद पड़ी भोग भंडार की प्राचीन परम्परा अति शीघ्र बहाल कराई जाए, ताकि आराध्य प्रभु को पूर्व की भांति शुद्ध-पवित्र अमनिया पदार्थों का भोग अर्पित हो सके। रविवार को मंदिर सेवायत आचार्य प्रहलादबल्लभ गोस्वामी ने कहा कि मंदिर के निजी भोग भंडार में निर्मित भगवान के प्रसाद रूप में उत्तम किस्म की दिव्य सामिग्री प्राप्त कर भक्तजन भी धन्य हो उठेंगे। विश्वास है मौजूदा हाई पावर्ड टैम्पल मैनेजमेंट कमेटी इस समयोचित आवश्यकता पर निश्चित ही ध्यान देगी। उनके अनुसार बीते करीब बीस वर्ष पूर्व तक मंदिर के तीन नंबर गेट के निकट संचालित होते रहे मंदिर के भोग भंडार में शुद्ध देशी घी से निर्मित दैनिक पारस, पक्की रसोई-पकवान, सोहन हलुआ, बालूशाही, मठरी, विभिन्न तरह के लड्डू, राधा अष्टमी पर विशेष चाव ...
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