मथुरा, मई 27 -- सुप्रीम कोर्ट में श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन के प्रबंधन और निधि से जुड़े मामले पर मंगलवार को सुनवाई हुई। यूपी सरकार के वकील ने स्पष्ट किया कि मंदिर का समस्त कोष ट्रस्ट के अधीन है और राज्य सरकार का इसमें कोई अधिकार नहीं है। सरकारी वकील ने कहा कि अध्यादेश के तहत राज्य सरकार मंदिर कोष में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि अध्यादेश की धारा 5 और 7 में स्पष्ट प्रावधान है कि बोर्ड और ट्रस्टी ही मंदिर प्रबंधन का निर्णय लेंगे। यह मंदिर के बेहतर प्रबंधन के लिए पहला अध्यादेश है, जिसकी प्रति अदालत और याचिकाकर्ताओं को सौंपी गई है। उतर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि मंदिर कोष का उपयोग केवल मंदिर के लिए जमीन खरीदने और ट्रस्ट द्वारा प्रबंधन में किया जाएगा। 2016 से ही मंदिर का प्...