बांका, जुलाई 17 -- बांका, वरीय संवाददाता। जिले मुख्यालय से सटे बांका प्रखंड अंतर्गत पिपरा गांव से भूखिया महादलित टोला तक आजादी के 75 वर्षों के बाद भी पक्की सड़क निर्माण नहीं हो सका है। यह सड़क केवल एक पथ नहीं, बल्कि बांका प्रखंड के तीन पंचायतों छत्रपाल, ककवारा और डाढा के लगभग 2000 लोगों की 'लाइफलाइन' है। सड़क नहीं होने के कारण इन पंचायतों के करीब 15 गांव के हजारों ग्रामीण आज भी विकास से वंचित जीवन जी रहे हैं। आज के दौर में जहां शहरों में सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है, वहीं यह इलाका आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। पिपरा से भूखिया टोला की दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर है, लेकिन यह दूरी किसी के लिए मौत का रास्ता बन सकता है, खासकर बरसात के दिनों में। अब ग्रामीण करो या मरो पर उतर आए हैं तथा रोड के लिए अगले विधानसभा चुनाव में वोट बहिष्कार क...