अमरोहा, जुलाई 5 -- बहुमंजिला इमारतों को सेफ्टी की एनओसी देने के बाद अग्निशमन विभाग सुध नहीं लेता है। खास बात यह है कि कोई अधिकारी भी भवनों की सेफ्टी को लेकर गंभीर नहीं है। हादसा होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आते हैं। बहुमंजिला इमारत बनाने के लिए सेफ्टी का विशेष ध्यान रखा जाता है। सबसे पहले अग्निशमन विभाग से सेफ्टी की एनओसी लेनी पड़ती है। इसके बाद एमडीए विभाग नक्शा पास करने की प्रक्रिया शुरू करता है। जब तक अग्निशमन विभाग एनओसी नहीं जारी करता है, तब तक एमडीए भी नक्शा पास नहीं करता। गजरौला के मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में शामिल होने पर यह प्रक्रिया शुरू हुई है लेकिन इसके पहले भवन बनाने वालों को मात्र अग्निशमन विभाग से सेफ्टी की एनओसी लेनी पड़ती थी। इसके बाद भवन बनाने का काम शुरू हो जाता था। वहीं इन भवनों को एनओसी देने के बाद...