आशीष दीक्षित, सितम्बर 2 -- बरेली विकास भवन में वित्त एवं लेखा अधिकारी मनोज शुक्ला 'मनुज' ने बही-खातों का हिसाब करते-करते एक किताब की रचना कर दी। खास बात यह है कि इस किताब के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान ने एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया है। मनोज छंदों के प्रचार-प्रसार के लिए लगातार प्रयासरत हैं। आमतौर पर गणित, फिजिक्स, अकाउंट जैसे विषयों से जुड़े लोगों की साहित्य में रुचि कम होती है, मगर विकास भवन में लेखाधिकारी मनोज शुक्ल इस मामले में एकदम अलग हैं। लखीमपुर के गोला गोकर्णनाथ के मनोज स्कूल के समय से ही साहित्यकर्म में जुट गए थे। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ा, वैसे-वैसे ही उनके अंदर साहित्यिक चेतना का भी विकास होता चला गया। मनोज ने सरकारी काम करते-करते 'मन शिवाला हो गया' नाम से एक पुस्तक की रचना की। इस काव्य कृति को आम पाठकों...
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