बहराइच, सितम्बर 28 -- तेजवापुर ‌। बौंडी के रामलीला मैदान में चल रही रामलीला के चौथे दिन राक्षस ताड़का और सुबाहु का आतंक समाप्त कर राम और लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुर प्रस्थान करते हैं। मार्ग में प्रभु श्रीराम ने महर्षि गौतम की शापित पत्नी अहिल्या का उद्धार किया। पुष्पवाटिका में प्रभु श्रीराम और माता सीता एक-दूसरे को देखकर प्रेमभाव का अनुभव करते हैं। महाराज जनक की सभा में प्रभु श्रीराम भगवान शंकर का धनुष तोड़कर राजा जनक की प्रतिज्ञा पूरी करते हैं और सीता माता उन्हें वरमाला पहनाती हैं। मिथिला में शिव धनुष भंग होने पर तपस्यारत भगवान परशुराम का ध्यान भंग हो जाता है और वे क्रोधित होकर मिथिला पहुंचते हैं। वहां उपस्थित राजाओं में भय व्याप्त हो जाता है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...