बहराइच, सितम्बर 24 -- जिले की चिकित्सीय सेवाएं पिछले पांच सालों में बेहतर हुईं हैं लेकिन मेडिकल कॉलेज को छोड़ दें तो ग्रामीण क्षेत्रों में जांच व इलाज मुहैया कराने में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बेसिक जांचें न हो पाने के कारण मरीजों को ज्यादा शुल्क देकर बाहर से जांच करानी पड़ रही है। वहीं मेडिकल कॉलेज की बात करें, तो यहां भी कुछ एडवांस जांचों की दरकार है। मेडिकल कॉलेज के आंकड़े बताते हैं कि 24 घंटे में सिर्फ इमरजेंसी में औसतन 200 से 300 गंभीर मरीज पहुंचते हैं। वहीं ओपीडी 2000 के पार हो रही है। इनमें तमाम लोगों की एडवांस जांचें लिखी जाती हैं। एडवांस जांचों पर गौर किया जाय, तो हृदय रोग से संबंधित ईको के अलावा एमआरआई, एबीपीए एलर्जी आदि के लिए मरीजों को भारी भरकम फीस देकर जांच करानी पड़ रही है। जिला महिला व प...