नई दिल्ली, जून 13 -- UPSC Success Story: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले की रहने वाली शालिनी अग्निहोत्री की कहानी सिर्फ एक सफल परीक्षा की नहीं, बल्कि एक गहरी निजी जंग की है। उनके पिता हिमाचल रोडवेज में बस कंडक्टर थे और सीमित साधनों में परिवार चलाते थे। ऐसे में शालिनी ने बिना किसी को बताए, बिना किसी बड़े शहर की कोचिंग का सहारा लिए, खुद से यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहली बार में ही उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 285 हासिल कर आईपीएस बनने का सपना पूरा कर लिया।शालिनी अग्नीहोत्री ने क्यों चुनी यूपीएससी एक इंटरव्यू में शालिनी बताती हैं कि उनका ये सपना एक दर्दनाक अनुभव के बाद पैदा हुआ। एक बार वो अपनी मां के साथ सफर कर रही थीं, जब किसी ने उनकी मां से बदतमीजी की। शालिनी उस वक्त खुद को बेबस महसूस कर रही थीं। उसी दिन उन्होंने तय किया कि उन्हें ऐसा मुकाम पाना है ...