बगहा, जून 13 -- नगर निगम के अधीन आने वाले बसवरिया मोहल्ले के लोग शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं। भीषण गर्मी के कारण अधिकांश सरकारी चापाकल सूख गए हैं। शहरी जलापूर्ति योजना के अधीन मात्र 40 फीसदी मोहल्लेवासियों को ही शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। गरीब तबके के लोगों को आयरन युक्त पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। संपन्न लोग अपने-अपने घरों में बोरिंग और समरसेबल कराकर मोटर के सहारे शुद्ध पेयजल का लाभ ले रहे हैं। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को आज भी 40 फीट गहरे चापाकल के पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। मोहल्लेवासियों का आरोप है कि चापाकल से आयरन युक्त पानी आ रहा है। इससे पेट संबंधी बीमारियों से ज्यादा लोग प्रभावित हो रहे हैं। बसवरिया मोहल्ला घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यहां लगभग 30 हजार की आबादी रहती है। यहां की 60 फीसदी आबादी मजदूर...
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