सीवान, नवम्बर 17 -- नीरज कुमार पाठक सीवान। जिले के विधानसभा चुनाव नतीजों में इस बार भले ही बहुजन समाज पार्टी की सीटों पर कोई बड़ी जीत नहीं देखी गई, लेकिन पार्टी के उम्मीदवारों को मिले वोटों ने कई जगहों पर मुकाबले की दिशा और अंतर दोनों को प्रभावित किया। सामाजिक समीकरण के लिहाज से देखें तो बसपा की पकड़ खासकर दलित, महादलित और कुछ हिस्सों में पिछड़ी जातियों के बीच धीरे-धीरे फिर से सिमटती दिखी। इन वोटों के बिखराव का सीधा असर एनडीए और महागठबंधन के बीच हुए कांटे के मुकाबलों पर पड़ा। कई सीटों पर बसपा को मिले वोट हार-जीत के अंतर से ज्यादा या उसके आसपास हैं, जिससे साफ है कि इन वोटों ने परिणाम की धारा एक तरफ मोड़ने का काम जरूर किया। सीवान जिले की चुनावी तस्वीर बताती है कि बसपा भले सीटें न जीत पाने की स्थिति में रही हो, लेकिन वोटों के बिखराव ने परिणा...
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