सीवान, अप्रैल 2 -- बसंतपुर,एक संवाददाता। नहाय-खाय के साथ मंगलवार से सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ शुरू हो गया। बुधवार को व्रती खरना पूजन व गुरुवार को संध्या अर्घ्य और शुक्रवार को सुबह में अर्घ्य देंगी। अरवा चावल का भात, चने की दाल व कदू की सब्जी मंगलवार को ग्रहण करेगी। नहाय-खाय की सुबह व्रती नदी में स्नान कर सूर्यदेव की अराधना करेगी और महिलाएं एक दूसरे के मांग में सिंदूर भरकर सुहाग की सलामती की कामना करेगी। नहाय-खाय के दिन ही व्रती खरना के प्रसाद के लिए गेहूं धोकर सुखाई और पिसाई कराकर उसी आटा से छठ का प्रसाद तैयार करेंगी। बुधवार को पूरे दिन निर्जला उपवास रहकर शाम में खरना पूजन आज करेंगी। खीर, रोटी और केला का न्योज निकालेंगी। व्रती खुद प्रसाद ग्रहण करेंगी और घर के लोगों में भी वितरित करेगी। उसके बाद व्रती 36 घंटे के निर्जला उपवास पर चली ...
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