वाराणसी, जून 22 -- वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। सिंदूर के तीन प्रकार हैं। पहला आधिभौतिक, दूसरा आधिदैविक और तीसरा आध्यात्मिक। दुल्हन की मांग में सिंदूर भरने की क्रिया आधिभौतिक होती है। सिंदूरी जीवन के कई रंग होते हैं, यह एक रंग का नहीं होता। सुख-दुख, मान-अपमान, शोक-आनंद रूप, इंद्र धनुष की तरह जीवन के सात रंग होते हैं। जब आप गृहस्थी में प्रवेश करते हैं तो आपको कई रंगों से गुजरना पड़ता है। हममें 'रंग साधना होनी चाहिए। यह बातें हैं कथा वाचक मोरारी बापू ने मानस सिंदूर की कथा के आठवें दिन शनिवार को कहीं। सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के सभागार में मोरारी बापू ने कहा सिंदूर बलिदान-समर्पण का प्रतीक है। जीवन भर किसी का हो जाना ही समर्पण है। शहीद होना भी एक सिंदूर है। शहादत अर्थात् सिंदूर का केसरिया रंग। सिंदूर का एक और प्रकार है आधिदैविक। शिव...