लखनऊ, नवम्बर 3 -- बलरामपुर अस्पताल में खून का थक्का जमने की स्थिति का पता लगाने वाली अहम जांच पीटीपीसी आईएनआर बंद हो गई है। इसकी वजह से मरीजों को निजी पैथोलॉजी केंद्र तक दौड़ लगानी पड़ रही है। अस्पताल के अधिकारियों से शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। सूत्रों की माने तो रीजेंट उपलब्ध न होने से जांच करीब दो माह से बंद है। डॉक्टर किसी भी मरीज के ऑपरेशन से पहले यह जांच करवाते हैं। बलरामपुर अस्पताल में 776 बेड हैं। प्रदेश के किसी भी जिला अस्पताल में इतने अधिक बेड नहीं हैं। रोजाना पांच से सात हजार मरीज अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं। अस्पताल में करीब 20 से 30 फीसदी मरीजों की पीटीपीसी आईएनआर जांच कराई जाती है। ऑपरेशन से पहले (प्री सर्जिकल जांच) सभी मरीजों की यह जांच अनिवार्य रूप से कराई जाती है। इस जांच से खून का थक्का जमने की स...