गोपालगंज, जून 5 -- तीन जिलों के तीन सौ गांवों का टूटा नदी से पुराना रिश्ता छठ पूजा से लेकर सिंचाई और पशुपालन तक सब कुछ प्रभावित बरौली, देवेन्द्रनाथ उपाध्याय गंडक नदी से निकलने वाली ऐतिहासिक धमही नदी का अस्तित्व अब पूरी तरह संकट में है। कभी गोपालगंज, सीवान और सारण जिलों के करीब तीन सौ गांवों की जीवनरेखा रही यह नदी अब सिर्फ यादों और पुराने नक्शों में बची रह गई है। बीते तीन दशकों में यह नदी लगभग पूरी तरह सूख चुकी है। गर्मी की इस तपती बेला में नदी का नामोनिशान तक मिट चुका है। न तो इसमें जल प्रवाह बचा है न ही इसके कायाकल्प को लेकर किसी भी स्तर पर सरकारी प्रयास हो रहे हैं। धमही नदी कभी इन इलाकों के लिए सिंचाई का मुख्य स्रोत थी। किसान इसी नदी के सहारे अपनी धान, गेहूं, सब्जी और दलहनी फसलों की खेती करते थे। पशुपालन भी इस जलस्रोत पर निर्भर था। स्था...