जमुई, अगस्त 11 -- बरहट, निज संवाददाता सरकार भले ही गांव-गांव में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और उप स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ बनाने के बड़े-बड़े दावे करती हो लेकिन बरहट प्रखंड की हकीकत इससे उलट है। यहां संचालित 16 उप स्वास्थ्य केंद्रों में से 8 आज भी अपने भवन के लिए तरस रहा है। मजबूरी में ये केंद्र कहीं किराए के मकानों में तो कहीं आशा कार्यकर्ताओं के घर के बरामदे में तो कहीं आंगनवाड़ी भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। भवनों की कमी का सीधा असर मरीजों की सुविधा और इलाज की गुणवत्ता पर पड़ रहा है। बरसात के दिनों में पानी टपकना ,उमस भरी गर्मी में पंखे की कमी, और ठंड में उचित सुरक्षा का अभाव, मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों दोनों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। आशा के घर में चल रहा अस्पताल- सबसे खराब स्थिति टेंगहरा उप स्वास्थ्य केंद्र की है ...
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