जमुई, दिसम्बर 22 -- बरहट। निज संवाददाता पंचायती राज व्यवस्था में छोटी-छोटी बातों को सुलझाने के लिए सरकार ने बड़ी उम्मीदों के साथ ग्राम कचहरी की व्यवस्था खड़ी की थी। इस व्यवस्था में सरपंच से लेकर वकील और सरकारी कर्मचारियों तक की टीम तैनात की गई ताकि गांव के झगड़े थाने की दहलीज तक न पहुंचें। किंतु प्रखंड़ में हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। जिम्मेदारों की लापरवाही ने सरकार के सपने पर पानी फेर दिया है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि जिन मामूली विवादों को गांव में निपटना था, वही सीधे थानों में मुकदमे के रूप में दर्ज हो रहे हैं। पंचायती राज विभाग के ई-कोर्ट पोर्टल पर दर्ज आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। बीते एक साल में बरहट प्रखंड के कुल 9 पंचायतों में मिलाकर दीवानी के 52 तथा फौजदारी के 18 मामले दर्ज किए गए। जिसमें केवल 2 फौजदारी मामले सुलझाए गए हैं, जो किसी...