गंगापार, सितम्बर 12 -- बरसात से भीगे कच्चे घर धूप खिलने के बाद भी धराशायी हो रहे हैं, जिससे तमाम गरीब आश्रय विहीन हो रहे हैं। शासन, प्रशासन द्वारा भी अभी तक क्षेत्र में बरसात व बाढ़ से क्षति का आकलन ही शुरू नहीं हो पाया है। मांडा क्षेत्र के दक्षिणी पहाड़ी गाँव बेलहाकला आदिवासी बस्ती के राम जग आदिवासी व कलुई आदिवासी का कच्चा घर बरसात से भीगे होने के कारण गुरुवार को धराशायी हो गया। दोनों परिवारों के पास रहने के लिए कोई भी आश्रय नहीं बचा है। पीड़ितों ने स्थानीय प्रशासन से त्वरित अहैतुक सहायता की मांग की है।

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