गंगापार, अगस्त 24 -- बार बार हो रही बरसात से बरहाकला सहित आधा दर्जन गांवों में एक माह से भरा बरसाती पानी सूख ही नहीं पा रहा है। विनष्ट हुई खेती तमाम किसानों के लिए चिंता व परेशानी का विषय बना हुआ है। मांडा क्षेत्र के विभिन्न गांवों के गंगा कछार पर स्थित तमाम किसानों की सब्जियों के साथ ही दलहन, तिलहन की खेती भी गंगा के बाढ़ व बरसात में डूबकर तबाह हो गई है, जिससे किसानों में काफी चिंता व तनाव है। मांडा क्षेत्र के बामपुर गांव में गंगा कछार पर तमाम किसानों द्वारा सब्जी की खेती की जाती है। कछार पर परवल व करैला की खेती करने वाले किसान मातादान, राजकुमार, रामबाबू अर्जुन, बाल जी तिवारी आदि ने बताया कि हर साल गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद उनकी खेती गंगा के पानी में डूबकर तबाह हो जाती है। इस बार एक पखवाड़े के अंदर दो बार गंगा का जलस्तर बढ़ने से पूरी ख...