बलरामपुर, अगस्त 18 -- समस्या हर्रैया सतघरवा, संवाददाता। भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले लगभग दो दर्जन ग्राम पंचायतों के लोगों को बरसात व बाढ़ के दिनों घरों में कैद होकर रहना पड़ता है। यह सभी गांव पहाड़ी नालों से तीन ओर से घिरे हुए हैं। क्षेत्र में बाढ़ आने पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है। संरक्षित क्षेत्र होने के नाते यहां किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं हो पाता। जिसके चलते यहां की अधिकतर आवादी फूस के मकानों में रहने का विवश है। गत वर्ष यहां हुई अग्निकांड की घटनाओं में लगभग छह सैकड़ा घर जलकर खाक हुए थे। यही नहीं यहां के लोगों को पीने के लिए समुचित पानी तक की व्यवस्था नहीं है। हर्रैया सतघरवा ब्लाक क्षेत्र नेपाल सीमा तक फैला हुआ है। सीमावर्ती क्षेत्र में अधिकांश हिस्सा सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग का होने के कारण इसे बरहवा व बनकटव...
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