सहरसा, जुलाई 6 -- सहरसा, रंजीत। कभी कलम थामने से डर लगता था आज हस्ताक्षर करने लगी है। यह बदलाव निरक्षर जीविका दीदियों में आया है। सहरसा जिले की तीन लाख जीविका दीदियां अब बैंकों के जमा और निकासी फॉर्म पर अंगूठे का निशान नहीं लगाती। अंगूठे के निशान की जगह वह फॉर्म पर हस्ताक्षर करती हैं। इतना ही नहीं साक्षर 150 जीविका दीदियां ग्रामीण क्षेत्रों में सीएसपी खोलकर बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं। मैट्रिक पास दीदियां बैंक सखी बनकर गांवों की महिलाओं का खाता खुलवाना, पैसे जमा व निकासी करने के साथ-साथ पेंशन और सरकारी योजनाओं की जानकारी देती है। काफी मेहनत कर इकट्ठा किए गए पैसे का सुरक्षित प्रबंधन करते उसे कैसे बढ़ाया जाय उस स्कीम को भी जीविका बैंक सखी सांझा करती है। इसका फायदा यह हो रहा है कि वित्तीय रूप से भी निरक्षर जीविका दीदियां सशक्त हो रही है। सबसे ख...