मुरादाबाद, दिसम्बर 10 -- मुरादाबाद। यौन उत्पीड़न की शक्ल में होने वाली 'हैवानियत' से आहत बेटियों और कथित तौर पर पति की तरफ से घरों में हिंसात्मक गतिविधि के रूप में सामने आने वाले जुल्म से पीड़ित महिलाओं में अवसाद के मामले काफी अधिक देखे जाते रहे हैं, लेकिन अब बेटियों और महिलाओं की तरफ से अपने ऊपर होने वाले अत्याचार के विरुद्ध अधिक मुखर होने के चलते हैवानियत के नतीजे में उनमें मानसिक अवसाद की गंभीरता घटने का रुझान दिखाई देने लगा है। मनोरोग विशेषज्ञों एवं मनोविज्ञानियों के विश्लेषण में यह बात सामने आई है। कई साल से पुलिस लाइन में रेप पीड़िताओं की काउंसलिंग कर रही हूं। अभिभावकों में अब अपनी पीड़ित बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए अधिक मुखर होने का रुझान देखने में आ रहा है। यातना का शिकार होने के बाद उनमें होने वाली मानसिक अवसाद की समस्या में कमी ...
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