विशेष संवाददाता, सितम्बर 20 -- Smart Prepaid Electricity Meter: दावा था कि मीटरों के प्रीपेड मोड में चलने के साथ ही दरों में दो प्रतिशत रियायत दी जाएगी यानी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने के बाद उपभोक्ताओं के बिलों में कमी आनी चाहिए थी। कमी तो दूर, उपभोक्ता अपना बिजली खर्च बढ़ने की शिकायत कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि मीटर तेज चल रहा है और लोड भी जंप हो रहा है। इसके अलावा उपभोक्ताओं की और भी शिकायतें हैं। अगर प्रीपेड मोड में मीटर चलने के बाद सर्वर पर मौजूद डाटा का ही पावर कॉरपोरेशन ने मिलान किया होता तो उपभोक्ताओं को ऐसी दिक्कतें नहीं होतीं। अब उपभोक्ता परेशान हैं। बिना उनकी मर्जी जाने मीटरों को प्रीपेड कर दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति को देखते हुए शुक्रवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में बिना सहमति के स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा...