लखनऊ, मई 19 -- पावर कॉरपोरेशन ने सोमवार को ज्यादा राजस्व अंतर के साथ संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) नियामक आयोग में दाखिल कर दिया। इस बढ़े राजस्व अंतर की भरपाई के लिए कॉरपोरेशन बिजली दरों में इजाफे की मांग करेगा। वहीं, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसके खिलाफ नियामक आयोग में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल कर दिया है। जिस एआरआर को नियामक आयोग ने मंजूरी दी थी, उसमें बिजली कंपनियों का राजस्व अंतर 9200 करोड़ रुपये था। सूत्र बताते हैं कि हर बिजली कंपनी में राजस्व अंतर पिछले से 1300 से लेकर 1700 करोड़ रुपये बढ़ाया गया है। इसकी भरपाई के लिए बिजली की नई दरें 15-25 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वसूली दक्षता के आधार पर राजस्व अंतर का आकलन असंवैधानिक है। वसूली और बकाया दोनों को म...