छपरा, नवम्बर 3 -- छपरा, एक संवाददाता ।राज्य में शहरीकरण की गति राष्ट्रीय औसत से काफी पीछे है। बिहार में अभी भी 12-13 प्रतिशत आबादी ही शहरी क्षेत्रों में बसती है, जबकि राष्ट्रीय औसत 31 प्रतिशत से अधिक है। "राज्य में शहरीकरण: राष्ट्रीय औसत और बिहार-चुनौतियां और संभावनाएं" विषय पर आयोजित संवाद में विशेषज्ञों ने कहा कि नियोजनहीन विस्तार, अधोसंरचना की कमी और रोजगार के सीमित अवसर बड़े अवरोध हैं। छोटे शहरों में जलनिकासी, यातायात और कचरा प्रबंधन जैसी समस्याएं विकराल रूप ले रही हैं। संवाद में यह भी कहा गया कि बिहार में औद्योगिक निवेश, शिक्षा व स्वास्थ्य ढांचे के विस्तार और स्मार्ट टाउन योजना से इस अंतर को घटाया जा सकता है। संतुलित शहरीकरण को विकास का इंजन बनाना ही अब राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। बयान बिहार में शहरीकरण की रफ्तार धीमी होने से...
		
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