नई दिल्ली, अक्टूबर 24 -- रोशनी और खुशियों का पर्व दिवाली, भारत के बड़े और प्रिय त्योहारों में से एक है। हालांकि पिछले कुछ सालों में यह पर्व वायु प्रदूषण और उससे जुड़ी स्वास्थ्य व त्वचा संबंधी समस्याओं से भी जुड़ गया है। दरअसल, पटाखों के धुएं, बढ़ते वाहन प्रदूषण और ठंडे मौसम का संयोजन हवा में स्मॉग (धुंध) की मोटी परत बना देता है, जो न केवल श्वसन तंत्र बल्कि त्वचा के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालती है। दिवाली के बाद हवा में पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOₓ) जैसे हानिकारक तत्वों का स्तर सुरक्षित सीमा से कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। ये प्रदूषक त्वचा की सतह पर जमकर रोमछिद्रों (pores) को बंद कर देते हैं। जिससे त्वचा की प्राकृतिक सुरक्षा परत कमजोर होने लगती है। इसके परिणामस्वरूप त्वचा में रूखापन, ख...