लखीसराय, नवम्बर 3 -- बड़हिया,निज प्रतिनिधि गंगा और हरुहर नदियों के बीच फैला बड़हिया का प्रसिद्ध टालक्षेत्र देशभर में अपनी बंपर दलहन उत्पादन के लिए (दाल का कटोरा) के नाम से जाना जाता है। लगभग 1064 वर्ग हेक्टेयर में फैला यह उपजाऊ मैदानी इलाका मुंगेर प्रमंडल का कृषि पहचान है। जहां के खेतों से उपजे चने, मसूर और मटर की दाल देशभर के रसोईघरों तक अपनी पहुंच बनाती है। यहां के बड़े-छोटे किसान, जिनकी संख्या हजारों में है। मुख्यतः खेती पर ही निर्भर हैं। यही कारण है कि बड़हिया की अर्थव्यवस्था पूरी तरह खेती-किसानी पर आधारित है। किसान कहते हैं कि अगर प्रकृति साथ दे तो सोना, वरना रोना। खेती उनके लिए सिर्फ व्यवसाय नहीं, बल्कि पुश्तैनी आस्था है। हालांकि इस वर्ष किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही है। जिसका कारण है, टालक्षेत्र में लंबे समय से जल...