हजारीबाग, फरवरी 1 -- हजारीबाग, वरीय संवाददाता। हजारीबाग के नमन विद्या मंदिर में फूलों की बालवाटिका सजाकर ज्यामितीय आकारों की समझ बढ़ा रहे हैं बच्चे। इसके साथ वे इससे जिंदगी का अनुशासन भी सीख रहे हैं। यहां बच्चों के अनुशासन का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वे न केवल फूलों को संवारते हैं, बल्कि अनुशासन ऐसा निभाते हैं कि उनकी एक पंखुड़ी तक नहीं तोड़ते। नई शिक्षा नीति के तहत बालवाटिका पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का यहां अनूठा प्रयास किया जा रहा है। इस पहल में बच्चों को फूलों और उनकी डिजाइनों के जरिये विभिन्न आकारों और आकृतियों को समझाया जाता है। यह शिक्षण पद्धति न केवल बच्चों के ज्ञान में वृद्धि करती है, बल्कि उनके रचनात्मक और तार्किक कौशल को भी विकसित करती है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य पारंपरिक शिक्षण पद्धतियों को रोचक और व्या...
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