नई दिल्ली, मार्च 26 -- बच्चों की सही परवरिश करना बहुत ही चैलेंजिंग काम है और एक तरह से ये नेवर एंडिंग ड्यूटी है। इसमें ज्यादा परफेक्शन की उम्मीद करना भी सही नहीं है क्योंकि पैरेंट्स भी बच्चों के साथ-साथ नई चीजें सीखते हैं और धीरे-धीरे खुद को और बेहतर बनाते हैं। इसमें अक्सर सबसे बड़ी चुनौती पैरेंट्स के आगे इस बात को भी ले कर आती है कि बच्चों को डिसिप्लिन में कैसे लाए जाए। अब छोटे बच्चों का जिद्दी और शरारती होना स्वाभाविक है लेकिन यदि उन्हें बिल्कुल ही छूट दे दी जाए तो बड़े हो कर भी उनका यही रवैया कायम रह सकता है। ऐसे में बच्चों को प्यार से समझाना और जरूरत पड़ने पर थोड़ा डांट-फटकार लगाना भी जरूरी है। लेकिन हमेशा ही बच्चों को डांटते रहना भी ठीक नहीं। यहां हम दिन के कुछ ऐसे ही समय बता रहे हैं, जब आपको बच्चे को बिल्कुल भी नहीं डांटना चाहिए। इस...