लखनऊ, नवम्बर 15 -- जुवेनाइल जस्टिस संवेदना के बिना लागू नहीं हो सकता है। पुराने समय में बच्चों को यह कहकर डराया जाता था कि सो जाओ नहीं तो पुलिस अंकल आ जाएंगे। बच्चा डर के सो भी जाता था। पर, अब जुवेनाइल जस्टिस एक्ट लागू होने के बाद पुलिस की भूमिका पहले से अधिक संवेदनशील हो गई है। यह बात पुलिस मुख्यालय में शनिवार को उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के नेतृत्व में हुई कार्यशाला में मुख्य अतिथि इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय भनोट ने कही। उन्होंने कहा कि पुलिस के संपर्क में आने पर बच्चे से बात करने का तरीका काफी महत्वपूर्ण है। तेज आवाज में बात करेने से वह सहम जाएगा और सही से कुछ नहीं बता पाएगा। इसलिए बात करने का लहजा अच्छा होना चाहिए। कार्यशाला को आयोजित करने में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन और यूनिसेफ का समन्वय रहा। विशिष्ट अतिथि डीजीपी र...
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