मधुबनी, सितम्बर 14 -- घोघरडीहा। संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत 14 सितंबर को मनाया जाएगा । परंपरा के अनुसार 13 सितंबर को नहाय खाय की रस्म पूरी की गई। 14 सितंबर को महिलाएं निर्जला उपवास रखकर अपने बच्चों की रक्षा और मंगलकामना करेंगी। 15 सितंबर की सुबह 6.26 बजे के बाद पारण किया जाएगा। पंडित राजेश झा के अनुसार इस व्रत का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में मिलता है। मान्यता है कि इस दिन के उपवास से संतान के जीवन में आने वाले संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं। व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करती है और पूरे दिन बिना अन्न व जल ग्रहण किए उपवास करती है। यह कठोर व्रत माताओं की अटूट श्रद्धा और त्याग का प्रतीक माना जाता है। जितिया व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है...