प्रयागराज, फरवरी 4 -- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पति-पत्नी और नाबालिग बच्चों वाले परिवार की अंतिम सांस तक एकता के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। कोर्ट ने कहा कि यह अदालत वकीलों और वादियों के विस्तारित परिवार का हिस्सा होने के नाते ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है कि परिवार अपनी अंतिम सांस तक एक रहे, क्योंकि उसे उम्मीद है कि महिला और उसका पति अपने बच्चों के पालन-पोषण और बेहतर भविष्य के हित में अपने विवाद को सुलझा लेंगे। न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने यह टिप्पणी एक मां की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए की। प्रयागराज की रहने वाली एक मां ने पिता के साथ रह रहे अपने दो बच्चों की कस्टडी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। मां की ओर से कहा गया कि उसके नाबालिग बच्चे पिता की अवैध कस्टडी में हैं।कोर्ट के आदेश पर बच्चे, म...
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