मुजफ्फर नगर, जून 16 -- ग्रीनलैंड मॉडर्न जूनियर हाई स्कूल में चल रहे किशोर बालक एवं बालिका चरित्र निर्माण योग शिविर में योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य ने कहा कि बच्चों की प्रथम पाठशाला उसका परिवार होता है तथा उसका प्रथम गुरु माता दूसरा गुरु पिता और तीसरा गुरु आचार्य होता है। उन्होंने बताया कि माता-पिता और आचार्य समाज के तीन प्रमुख स्तंभ हैं। यदि माता-पिता और आचार्य सदाचारी, सद् व्यवहारी ,ईश्वर भक्त, देशभक्त, सहनशील होंगे तो निश्चित रूप से वें गुण बच्चों में भी परिलक्षित होंगे। बच्चों के हित के लिए सदैव अपना आहार व्यवहार शुद्ध और सरल रखें। उन्होंने बताया कि बच्चों का भी दायित्व बनता है कि वे माता-पिता और गुरुजनों के अच्छे गुणों को जीवन में धारण करें तथा बुरे गुणों और बुरी आदतों पर ध्यान ना दें। इस अवसर पर विभिन्न आसन और प्राणायाम करवाए गए...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.