नई दिल्ली, मार्च 12 -- -साल 2018 का है मामला, परिवार को मुआवजे के रूप में साढ़े दस लाख रुपये दिए जाने का आदेश नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। रोहिणी अदालत ने साल 2018 में दस वर्षीय लड़के के साथ कुकर्म और हत्या के मामले में एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर की अदालत ने कहा कि दोषी के सुधार की संभावना के कारण उसे मृत्युदंड देना उचित नहीं है। यह मामला दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है। अदालत ने 42 वर्षीय व्यक्ति को आईपीसी और पाक्सो अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद उसके खिलाफ सजा पर बहस सुनी। अतिरिक्त लोक अभियोजक योगिता कौशिक दहिया ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग करते हुए कहा कि उसने 24 मार्च, 2018 को अपनी हवस को संतुष्ट करने के बाद बच्चे की हत्या कर दी थी। ...