फरीदाबाद, जून 6 -- कहते हैं, डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल में 6 डॉक्टरों और 20 नर्सों की टीम ने इसे साकार कर दिखाया। एक नन्हा सा बच्चा, जो सिर्फ 27 हफ्ते और 4 दिन का था, एक बेहद दुर्लभ बीमारी इम्यून हाइड्रोप्स फेटालिस से जूझ रहा था। यह ऐसी खतरनाक स्थिति है, जहां मां का इम्यून सिस्टम बच्चे की लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है, जिससे जानलेवा एनीमिया और शरीर में पानी जमा होने का खतरा पैदा हो जाता है। लेकिन इस टीम ने हार नहीं मानी और एक चमत्कार रच दिया, जो मेडिकल साइंस के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया।मेडिकल साइंस का अनोखा कारनामा डॉक्टरों की इस टीम ने बच्चे को बचाने के लिए दिन-रात एक कर दिया। सीनियर नियोनेटोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत शर्मा ने इसे अपनी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण केस बताया। बच्चे का हीमोग्लोबिन...