नई दिल्ली, जून 29 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। तीस हजारी स्थित जिला न्यायाधीश शिवाली शर्मा की अदालत ने एक पांच वर्षीय बच्चे की स्थायी कस्टडी मां को सौंपे जाने के मजिस्ट्रेट के आदेश को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि यह आदेश कानून की सीमाओं से परे है। अदालत ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 21 के तहत स्थायी कस्टडी नहीं दी जा सकती, केवल अंतरिम कस्टडी ही दी जा सकती है। अदालत ने बच्चे के हित में मुलाकात के अधिकार भी तय किए। अदालत ने पिता को आदेश दिया कि वह रोजाना एक घंटा बच्चे की वीडियोकाल पर मां से बात कराएगा। वहीं हर रविवार को मां अपने बच्चे से चार घंटे के लिए गुरुग्राम के एक माल में मिल सकेगी। अदालत ने यह भी कहा कि जब तक दोनों पक्ष सहमत नहीं होंगे, तब तक कोई अन्य रिश्तेदार इस मुलाकात में शामिल नहीं हो सकेगा।

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