नई दिल्ली, सितम्बर 7 -- दिल्ली हाई कोर्ट ने रेप के एक मामले में कहा कि बच्ची की भरोसेमंद गवाही ही काफी है। इसके आधार पर दोषसिद्धि संभव है। कोर्ट ने रेप के दोषी व्यक्ति की 12 साल की जेल की सजा बरकरार रखी। दोषी ने कई बार बच्ची के साथ रेप किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2017 में 10 साल की बच्ची के साथ रेप करने के दोषी व्यक्ति की 12 साल की जेल की सजा बरकरार रखी है। कोर्ट ने कहा कि बच्ची की गवाही विश्वसनीय और भरोसेमंद है और इसी के आधार पर दोषसिद्धि संभव है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने 3 सितंबर को दोषी टोनी की अपील खारिज करते हुए यह आदेश पारित किया। जस्टिस कुमार ने कहा कि कानून की स्थापित स्थिति यह है कि यदि पीड़िता घटना की एकमात्र गवाह है। यदि उसकी गवाही विश्वसनीय और भरोसेमंद पाई जाती है तो दोषसिद्धि बरकरार रखी जा सकती है। यदि पीड़ित बच्ची की गवाही...