नई दिल्ली, सितम्बर 5 -- पेरेंटिंग एक उतार-चढ़ाव भरा सफर है। कभी बच्चों की मासूम मुस्कान दिल जीत लेती है तो कभी उनकी जिद्द और ना सुनने की आदत से पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं। कई बार तो हालात ऐसे हो जाते हैं कि समझ में ही नहीं आता कि आखिर बच्चे को कैसे समझाया जाए। डांटने से बच्चा और जिद्दी हो जाता है और प्यार से भी बात बनती नजर नहीं आती। ऐसे में क्या किया जाए? पेरेंटिंग कोच पुष्पा शर्मा कहती हैं कि जब बच्चा आपकी बात सुनने से इनकार करता है, तो इसका मतलब ये नहीं कि वो गलत है, बल्कि इस वक्त जरूरत है उसके दिल और दिमाग तक पहुँचने के सही तरीके की। तो चलिए जानते हैं ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक्सपर्ट क्या सलाह दे रही हैं।पहले खुद सुनने की आदत डालें पेरेंट्स अक्सर चाहते हैं कि बच्चा तुरंत उनकी बात माने, लेकिन वे खुद बच्चे की बात को सुनने में कमी क...