लखनऊ, नवम्बर 7 -- लखनऊ, कार्यालय संवाददाता उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की ओर से डॉ. हरिवंश राय बच्चन एवं गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति समारोह मनाया गया। संस्थान के निराला सभागार में वक्ताओं ने हरिवंश राय बच्चन और मुक्तिबोध का स्मरण किया गया। गोष्ठी में डॉ. ओम कुमार मिश्र ओम निश्चल ने कहा कि हरिवंशराय बच्चन छन्द विधा में माहिर थे। कविता की कोई सीमा नहीं होती है। बच्चन आत्म निरीक्षण के कवि हैं। कवि में तल्लीनता का भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर कवि की काव्यात्मक प्रवृत्तियां अलग-अलग होती हैं। मुक्तिबोध साम्राज्यवाद के खिलाफ थे। मधुशाला, मुधबाला, मधुकलश को पाठक पढक़र गीत हृदय की अभिव्यक्ति है। बच्चन ने जीवन के समानान्तर कविता लिखी। बच्चन रचनाओं के बसेरे से दूर, नीड़ का निर्माण फिर, क्या भूलूं क्या याद करूं, निशा निमंत्रण रचनाएं साहित्य जगत ...
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