कानपुर, मार्च 22 -- गौरैया संरक्षण को लेकर विभिन्न स्तरों पर छोटे-बड़े आयोजन होते हैं लेकिन यह सिर्फ कार्यक्रमों तक ही सिमट कर रह जाता है। संरक्षण अभियान से जुड़े लोग कहते हैं कि सरकारी स्तर पर प्रयास किए जाएं तो फिर से गौरैया घर-आंगन में दस्तक देगी। शहर में विभिन्न लोग अपने स्तर पर संरक्षण के प्रयास कर रहे हैं जो कारगर भी साबित हो रहे हैं। गौरैया प्रेमी कहते हैं कि प्रशासन भी लोगों को जागरूक करे तो गौरैया का संरक्षण किया जा सकता है। लोगों को अपने घरों की छतों पर दाना-पानी भी रखना चाहिए। कभी घर-आंगन की शोभा बढ़ाने वाली गौरैया अब यदा कदा ही दिखती है। इसकी चहचहाहट अब कई लोगों के बचपन की यादों का हिस्सा बन चुकी है। एक समय था जब शहरों की हलचल भरी गलियों में गौरैया हर जगह दिखती थी, लेकिन अब इनकी घटती संख्या चिंता का विषय बन गई है। शहर से दूर के क...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.