गोपालगंज, मार्च 5 -- पंचदेवरी, एक संवाददाता। आज जो भारत में शिक्षा दी जा रही है वह संस्कृति के अनुरूप नहीं है। हमारी संस्कृति में शिक्षा धर्म से जोड़ने वाली व दूसरों के हित करने वाली शिक्षा होती थी। बचपन का संस्कार व्यक्ति निर्माण में सहायक होता है। उक्त बातें लोकनाथ धाम श्रीविष्णु मंदिर परिसर भागीपट्टी में आयोजित रुद्र महायज्ञ के पांचवें दिन कथा व्यास मानस मर्मज्ञ अतुल कृष्ण भारद्वाज ने कही । भक्तों को श्रीरामकथा का रसपान कराते हुए श्री भारद्वाज ने कहा कि दुनिया भर के कौआ गंदगी में वास करते हैं, परंतु कागभुसुंडी ने भगवान के जन्म के उपरांत संकल्प किया कि जब तक भगवान पांच वर्ष के नहीं हो जाएंगे, तब तक वह सब कुछ त्याग देंगे और अवध में ही वास करेंगे। मौके पर अवध किशोर सिंह, अनुप मिश्र शुभम, नन्हे सिंह, दिनेश सिंह, विनोद सिंह, प्रेम तिवारी, व...
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