गिरडीह, नवम्बर 2 -- बगोदर, प्रतिनिधि। बगोदर प्रखंड क्षेत्र में धान की फसलों पर इस बार पहले तो प्रकृति की मार और फिर जंगली हाथियों का कहर बरपा है। बावजूद इसके धान का उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद देख किसानों के चेहरे खिले हुए थे। धान की फसलें लगभग तैयार हो चुकी है। फसलों को काटने का समय भी हो चला है। इस बीच चक्रवाती तूफान मोंथा के कारण रुक-रुककर चार दिनों तक हुई बारिश ने फिर से धान की फसलों को नुकसान पहुंचा दिया है। खेतों में पानी भरने से धान से लदी फसलें खेतों में गिर गया है। इससे धान की फसलों के नुकसान होने की संभावना से किसानों में मायूसी छा गई है। बता दें कि बगोदर इलाके की महत्वपूर्ण खेती धान की है। मगर इस बार धान की फसल को लगाने से लेकर आखिरी समय काटने तक में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है। धान की खेती करने में लागत भी अधि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.